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Hathras Stampede: इसलिए उन्होंने किसी को भी मोबाइल फोन और कैमरा लेकर अंदर नहीं जाने दिया… गवाह ने बताई भगदड़ की वजह.

Hathras Stampede: हाथरस के सिकंदराराऊ में भगदड़ के बाद अब एजेंसी और पुलिस की टीमें जांच में जुट गई हैं. इस पूरी घटना का कोई वीडियो फुटेज सामने......

हाथरस, Hathras Stampede: हाथरसके सिकंदराराऊ में भगदड़ के बाद अब एजेंसी और पुलिस की टीमें जांच में जुट गई हैं. इस पूरी घटना का कोई वीडियो फुटेज सामने नहीं आया है. ऐसे ही कुछ वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें कुछ लोग जीटी रोड पर गाड़ियों से भीड़ को अपने कब्जे में लेकर गुजर रहे हैं. इसके अलावा कोई चश्मदीद वीडियो सबूत नहीं मिला है.एक वीडियो ऐसा जरूर आया है कि बाबा का काफिला भीड़ से होकर तेजी से निकला है और उनके बाइक सवार सिक्योरिटी गार्ड पीछे जा रहे हैं। फिर भगदड़ में मौतों का कोई वीडियो नहीं है।

Hathras Stampede mobile phones and cameras were not allowed inside witness told the reason for stampede

इस सबके पीछे की मूल वजह यही है कि बाबा के आयोजन में लोगों को मोबाइल-कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं होती थी। इसके पीछे की मूल वजह है कि कहीं लोग किसी भी हरकत या गतिविधि को कैद न कर लें। इसी वजह से पुलिस-प्रशासन को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं होती थी।

यातायात प्रबंध में जुटी पुलिस भी न बना सकी वीडियो

भगदड़ की ये घटना आयोजन स्थल के बाहर जीटी रोड पर हुई। जीटी रोड पर यातायात प्रबंधन में पुलिस लगी थी। मगर वह भी इतनी दूर थी कि भगदड़ के दौरान के कोई वीडियो नहीं बना सकी। जो शायद साक्ष्य बनते।
Hathras Stampede mobile phones and cameras were not allowed inside witness told the reason for stampede

गवाह बोला- बाबा ने कहा, चरण रज लेकर जाना… तभी मची भगदड़

धर्मगुरु नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में हुई 121 मौतों के मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने स्थानीय लोगों और हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए। कुल 34 लोगों ने बयान दर्ज कराए। एक गवाह ने कहा कि बाबा ने कहा था कि सत्संग के बाद चरण रज लेकर जाना। इसके चक्कर में लोग एक-दूसरे पर गिर गए और भगदड़ मच गई।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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